श्री शीतलनाथ जिन पूजा 2022 || New Shri SheetalNath Jin Pooja
विद्यार्चना छंद -लय- गुरु विद्यासागर के चरणों में.. विदिशा नगरी भद्दलपुर में, आरण दिवि से अवतार लिया। श्रीमात सुनन्दा पितु […]
विद्यार्चना छंद -लय- गुरु विद्यासागर के चरणों में.. विदिशा नगरी भद्दलपुर में, आरण दिवि से अवतार लिया। श्रीमात सुनन्दा पितु […]
लय- लावनी- नर होनहार होतव्य न तिल भर टरती…… जिन पुष्पदन्त भगवन्त, अन्त किया भव का। हे सुविधिनाथ अब अन्त
ज्ञानोदय महासेन सुत! अष्टम जिनवर, वीतराग तीर्थंकर हो। माँ सुलक्षणा लाल चन्द्रप्रभ! करुणाकर क्षेमंकर हो॥ शत इन्द्रों से वंदित प्रभुवर,
ज्ञानोदय छन्द सप्तम तीर्थंकर सुपार्श्व जिन, मध्यम ग्रीवक से आये । सुप्रतिष्ठ नृप पृथिवीसेना, नगर बनारस हरषाये ऐसे वीतराग जिनवर
ज्ञानोदय छन्द धरणी नृप गृह जन्म लिया है, मात सुसीमा हरषाती। ऊर्ध्व उच्च ग्रैवेयक से प्रभु, आते अवनी गुण गाती॥
ज्ञानोदय छन्द सुमतिनाथ जिन सुमति प्रदाता, बोधि समाधि प्रदान करो। मेरे उर के सिंहासन पर, हे जिनवर पग आन धरो
क्षमासखी छन्द अभिनन्दन जिनवर देवा, सुर नर मुनि करते सेवा । संवर नृप पिता सुहाये, गृह अवधपुरी में आये ॥
सखी छन्द शंभव जिन शिव सुख पाये, संभव सम्यक् भव भाये। ग्रैवेयक से तुम आये, तीर्थंकर पितु हरषाये॥ मैं करूँ
ज्ञानोदय छन्द इन्द्रिय मन को जीत अजित जिन, द्वितीय तीर्थंकर प्यारे । विजय अनुत्तर से आ जन्में, क्षेमंकर जग से