दुनिया से में हारी, तो आयी तेरे द्वार… Jain Bhajan
तर्ज – सावन का महीना… दुनिया से मैं हारी तो आई तेरे द्वार यहां से जो मैं हारी कहां जाऊंगी भगवान (2) सुख में प्रभुवर तेरी याद ना आई दुख में प्रभुवर तुमसे प्रीत लगाई सारा दोष है मेरा 2, मैं करती हूं स्वीकार यहां से जो मैं हारी कहां जाऊंगी भगवान दुनिया से मैं … … Read more