धन्य धन्य वीतराग वाणी…Jain Bhajan

bhagwan sumatinath

धन्य धन्य वीतराग वाणी, अमर तेरी जग में कहानी चिदानन्द की राजधानी, अमर तेरी जग में कहानी ।।टेक।। उत्पाद व्यय अरु ध्रोव्य स्वरूप, वस्तु बखानी सर्वज्ञ भूप । स्याद्वाद तेरी निशानी, अमर तेरी जग में कहानी ।१। नित्य अनित्य अरू एक अनेक, वस्तुकथंचित भेद अभेद । अनेकान्त रूपा बखानी, अमर तेरी जग में कहानी ।२। … Read more