सामायिक पाठ – Samayik Path | नित देव मेरी आत्मा

Gomtesh bahubali

कविश्री रामचरित उपाध्याय नित देव! मेरी आत्मा, धारण करे इस नेम को, मैत्री रहे सब प्राणियों से, गुणी-जनों से प्रेम हो| उन पर दया करती रहे, जो दु:ख-ग्राह-ग्रहीत हैं, सम-भाव उन सबसे रहे, जो वृत्ति में विपरीत हैं ||१|| करके कृपा कुछ शक्ति ऐसी, दीजिए मुझमें प्रभो ! तलवार को ज्यों म्यान से, करते विलग … Read more