निर्ग्रंथों का मार्ग हमको प्राणों से भी प्यारा है – Jain Bhajan
Jain Bhajan निर्ग्रंथों का मार्ग हमको प्राणों से भी प्यारा है… दिगम्बर वेश न्यारा है… निर्ग्रंथों का मार्ग….॥ शुद्धात्मा में ही, जब लीन होने को, किसी का मन मचलता है, तीन कषायों का, तब राग परिणति से, सहज ही टलता है, वस्त्र का धागा….वस्त्र का धागा नहीं फ़िर उसने तन पर धारा है, दिगम्बर वेश न्यारा … Read more