भावना बत्तीसी | Jain Bhavna Battisi

VAIRAGYA BHAVNA

भावना द्वात्रिंशतिका आचार्य अमितगति मेरा आतम सब जीवों पर मैत्री भाव करेगुणगणमंडित भव्य जनों पर प्रमुदित भाव धरे |दीन दुखी जीवों पर स्वामी! करुणाभाव करेऔर विरोधी के ऊपर नित समताभाव धरे ||1|| तुम प्रसाद से हो मुझमे वह शक्ति नाथ! जिससेअपने शुद्ध अतुल बलशाली चेतन को तन से |पृथक कर सकूं पूर्णतया मैं जो योद्धा … Read more