मेरे महावीर झूले पलना… Jain Bhajan
मेरे महावीर झूले पलना, सन्मति वीर झूले पलना काहे को प्रभु को बनो रे पालना, काहे के लागे फुंदना रत्नों का पलना मोतियों के फुंदना, जगमग कर रहा अंगना ललना का मुख निरख के भूले, सूरज चाँद निकलना ॥१॥ मेरे महावीर झूले पलना… कौन प्रभु को पलना झुलावे, कौन सुमंगल गावे देवीयां आवें पलना झुलावे, … Read more