विसर्जन पाठ(हिन्दी) – Visarjan Paath

Dev Shastra Guru Pooja

दोहा बिन जाने वा जानके, रही टूट जो कोय। तुम प्रसाद तैं परमगुरु, सो सब पूरन होय॥ पूजनविधि जानूँ नहीं, नहिं जानूँ आह्वान। और विसर्जन हू नहीं, क्षमा करहु भगवान॥ मन्त्रहीन धनहीन हूँ, क्रियाहीन जिनदेव। क्षमा करहु राखहु मुझे, देहु चरण की सेव॥ आये जो जो देवगण, पूजे भक्ति प्रमान। ते अब जावहू कृपाकर, अपने … Read more