श्री अनंतनाथ जी जिन पूजा – Shree Anantnath Jin Pooja
पुष्पोत्तर तजि नगर अजुध्या जनम लियो सूर्या उर आय, सिंघसेन नृप के नन्दन, आनन्द अशेष भरे जगराय| गुन अंनत भगवंत धरे, भवदंद हरे तुम हे जिनराय, थापतु हौं त्रय बार उचरि के, कृपासिन्धु तिष्ठहु इत आय|| ॐ ह्रीं श्रीअनन्तनाथजिनेन्द्र ! अत्र अवतर अवतर संवौषट्| ॐ ह्रीं श्रीअनन्तनाथजिनेन्द्र ! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः| ॐ ह्रीं … Read more