श्री बाहुबली पूजा – Shri Bahubali Swami Pooja

Gomtesh bahubali

कर्म-अरिगण जीत के, दरशायो शिव-पंथ | सिद्ध-पद श्रीजिन लह्यो, भोगभूमि के अंत || समर-दृष्टि-जल जीत लहि, मल्लयुद्ध जय पाय | वीर-अग्रणी बाहुबली, वंदौं मन-वच-काय || ॐ ह्रीं श्रीबाहुबलीजिनेन्द्र! अत्र अवतर! अवतर! संवौषट्! (आह्वाननं) ॐ ह्रीं श्रीबाहुबलीजिनेन्द्र! अत्र तिष्ठ! तिष्ठ! ठ:! ठ:! (स्थापनम्)। ॐ ह्रीं श्रीबाहुबलीजिनेन्द्र! अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट्! (सन्निधिकरणम्)। (अष्टक) जन्म-जरा-मरणादि तृषा … Read more