सामायिक पाठ – Samayak Path(काल-अनंत भ्रम्यो)

Acharya Shri Vidhya Sagar Ji Maharaj

कविश्री बुध महाचंद्र प्रथम : प्रतिक्रमण-कर्म काल-अनंत भ्रम्यो जग में सहये दु:ख-भारी | जन्म-मरण नित किये पाप को है अधिकारी || कोटि-भवांतर माँहिं मिलन-दुर्लभ सामायिक | धन्य आज मैं भयो योग मिलियो सुखदायक ||१|| हे सर्वज्ञ जिनेश! किये जे पाप जु मैं अब | ते सब मन-वच-काय-योग की गुप्ति बिना लभ || आप-समीप हजूर माँहिं … Read more

सामायिक पाठ | Samayik Path(प्रेम भाव हो सब जीवों से)

Mahaveer Bhagwan pooja

प्रेम भाव हो सब जीवों से, गुणीजनों में हर्ष प्रभो। करुणा स्रोत बहे दुखियों पर,दुर्जन में मध्यस्थ विभो॥ १॥ यह अनन्त बल शील आत्मा, हो शरीर से भिन्न प्रभो। ज्यों होती तलवार म्यान से, वह अनन्त बल दो मुझको॥ २॥ सुख दुख बैरी बन्धु वर्ग में, काँच कनक में समता हो। वन उपवन प्रासाद कुटी … Read more

सामायिक पाठ – Samayik Path | नित देव मेरी आत्मा

Gomtesh bahubali

कविश्री रामचरित उपाध्याय नित देव! मेरी आत्मा, धारण करे इस नेम को, मैत्री रहे सब प्राणियों से, गुणी-जनों से प्रेम हो| उन पर दया करती रहे, जो दु:ख-ग्राह-ग्रहीत हैं, सम-भाव उन सबसे रहे, जो वृत्ति में विपरीत हैं ||१|| करके कृपा कुछ शक्ति ऐसी, दीजिए मुझमें प्रभो ! तलवार को ज्यों म्यान से, करते विलग … Read more