स्वर्ग से सुंदर अनुपम है ये जिनवर का दरबार…Jain Bhajan
(तर्ज – स्वर्ग से सुन्दर सपनो से प्यारा, है अपना घर द्वार…) स्वर्ग से सुंदर अनुपम है ये जिनवर का दरबार। श्रद्धा से जो ध्याता निश्चित हो जाता भव पार, यही श्रद्धान हमारा, नमन हो तुम्हें हमारा ।।टेक।। कभी न टूटे श्रद्धा, तुम पर भगवान हमारी। झुक जाएंगी जीवन, में प्रतिकूलता सारी।। है विश्वास हमारा, … Read more