आरती पंचपरमेष्ठी – Aarti Panchaparmeshthi Ki
इहविधि मंगल आरती कीजै, पंच परमपद भज सुख लीजै।। टेक। पहली आरती श्री जिनराजा, भवदधि पार उतार जिहाजा।। इहविधि मंगल आरती कीजै, पंच परमपद भज सुख लीजै।। दूसरी आरती सिद्धन केरी, सुमरन करत मिटै भव फेरी।। इहविधि मंगल आरती कीजै, पंच परमपद भज सुख लीजै।। तीसरी आरती सूरि मुनिन्दा, जनम-मरण दुख दूर करिन्दा।। इहविधि मंगल … Read more