दस लक्षण पूजा – Jain Das Lakshan Pooja
कविवर ज्ञानतराय आडिल्ल उत्तम छिमा मारदव आरजव भाव है, सत्य शौच संयम तप त्याग उपाव हैं | आकिंचन ब्रह्मचर्य धरम दस सार हैं, चहुँगति दुखते काढि मुक्ति करतार हैं || ॐ ह्रीं उत्तम-क्षमा-मार्दव-आर्जव-शौच-सत्य-संयम-तप-त्याग-आकिंचन-ब्रह्मचर्य-आदि-दसलक्षण-धर्माय ! अत्र अवतर अवतर संवौषट ! ॐ ह्रीं उत्तम-क्षमा-मार्दव-आर्जव-शौच-सत्य-संयम-तप-त्याग-आकिंचन-ब्रह्मचर्य-आदि-दसलक्षण-धर्माय ! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठ: ठ: ! ॐ ह्रीं उत्तम-क्षमा-मार्दव-आर्जव-शौच-सत्य-संयम-तप-त्याग-आकिंचन-ब्रह्मचर्य-आदि-दसलक्षण-धर्माय ! अत्र मम … Read more