जैन स्तुति पाठ – Stuti Paath
तुम तरणतारण भवनिवारण भविक मन आनन्दनो। श्रीनाभिनन्दन जगतवंदन आदिनाथ निरञ्जनो॥१॥ तुम आदिनाथ अनादि सेऊँ सेय पद पूजा करूँ। कैलाशगिरि पर रिषभ जिनवर पदकमल हिरदै धरूं॥२॥ तुम अजितनाथ अजीत जीते अष्टकर्म महाबली। यह विरद सुनकर सरन आयो कृपा कीज्यो नाथजी॥३॥ तुम चन्द्रवदन सु चन्द्रलच्छन चन्द्रपुरी परमेश्वरो। महासेननन्दन जगतवंदन चन्द्रनाथ जिनेश्वरो॥४॥ तुम शान्ति पाँच कल्याण पूजूं शुद्ध … Read more