श्री कलिकुंड पार्श्वनाथ जिन पूजा – Shri Parshwnath Pooja

Shri Shankeshwar Parshvnath Jain Tirth

(अडिल्ल छन्द) ह्रूं कार अक्षरात्मक देव जो ध्यावते | देव मनुष्य पशु कृत सो व्याधि नशावते || कांसी तांबे पत्र पे शुद्ध लिखावते | केशर चंदन तापर गंध रचावते || (दोहा) ऐसे अनुपम-यंत्र को, मन वच काय संभार | जे भवि पूजें प्रीति धर, हों भवदधि से पार ||१|| यंत्र-स्थापना (चाल जोगीरासा) है महिमा को … Read more