Shri Vardhman Stotra – श्री वर्धमान स्तोत्र

Mahaveer Bhagwan pooja

श्री वर्धमान स्तोत्र (संस्कृत) (1) अदृश्य को दिखाने वाली स्तुति श्री वर्धमान जिनदेव पदारविन्द – युग्म-स्थितांगुलिनखांशु-समूहभासि। प्रद्योततेऽखिल-सुरेन्द्रकिरीट-कोटि र्भक्त्या ‘प्रणम्य’ जिनदेव-पदं स्तवीमि ||1|| –o– (2) चित्त एकाग्र करने वाली स्तुति नाहंकृतेऽहमिति नात्र चमत्कृतेऽपि, बुद्धे: प्रकर्षवशतो न च दीनतोऽहम्। श्रीवीरदेव-गुण-पर्यय-चेतनायां संलीन-मानस-वशः स्तुतिमातनोमि ||2|| –o– (3) उत्कृष्ट पुण्य फल प्रदायी स्तुति उच्चैः कुल-प्रभवता सुखसाधनानि सोन्दर्य-देह-सुभग-द्रविण-प्रभूतम्। मन्ये न मोक्ष-पथ-पुण्यफलं … Read more