मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूं – Jain Bhajan

श्री वासुपूज्य चालीसा

मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूं, मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूं ॥ मैं हूं अपने में स्वयं पूर्ण, पर की मुझमें कुछ गंध नहीं । मैं अरस, अरूपी, अस्पर्शी, पर से कुछ भी सम्बन्ध नहीं ॥ मैं रंग-राग से भिन्न भेद से, भी मैं भिन्न निराला हूं । मैं हूं अखंड चैतन्य-पिण्ड, निज-रस में रमने वाला हूं ॥ … Read more