समाधि मरण पाठ- Samadhi Maran Path
बंदौं श्री अरहंत परम गुरु, जो सबको सुखदाई |इस जग में दुःख जो मैं भुगते, सो तुम जानो राई ||अब मैं अरज करूं प्रभु तुमसे, कर समाधि उर मांहीं|अंत समय में यह वर मांगूं, सो दीजै जगराई ||1|| भव-भव में तनधार नये मैं, भव-भव शुभ संग पायो |भव-भव में नृपरिद्धि लई मैं, मात-पिता सुत थायो … Read more