Shri Abhinandan Nath Chalisa – श्री अभिनन्दन नाथ चालीसा

Abhinandannath

Shri Abhinandan Nath Chalisa ऋषभ – अजित – सम्भव अभिनन्दन, दया करे सब पर दुखभंजन जनम – मरन के टुटे बन्धन, मन मन्दिर तिष्ठें अभिनन्दन ।। अयोध्या नगरी अती सुंदर, करते राज्य भूपति संवर ।। सिद्धार्था उनकी महारानी, सूंदरता में थी लासानी ।। रानी ने देखे शुभ सपने, बरसे रतन महल के अंगने ।। मुख … Read more