श्री पार्श्वनाथ चालीसा – Shri Parshvnath Chalisa
शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन करुं प्रणाम | उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम | सर्व साधु और सरस्वती, जिन मन्दिर सुखकार | अहिच्छत्र और पार्श्व को, मन मन्दिर में धार || || चौपाई || पार्श्वनाथ जगत हितकारी, हो स्वामी तुम व्रत के धारी | सुर नर असुर करें तुम सेवा, तुम ही सब देवन के देवा | तुमसे करम शत्रु भी हारा, तुम कीना जग का निस्तारा | अश्वसैन … Read more