श्री ऋषि मण्डल पूजा – Shri Rishi Mandal Pooja

Acharya Shri Vidhya Sagar Ji Maharaj

चौबिस जिनपद प्रथम नमि, दुतिय सुगणधर पाय। त्रितिय पंच परमेष्ठि को, चौथे शारद माय।। मन वच तन ये चरन युग, करहुँ सदा परनाम। ऋषि मण्डल पूजा रचों, बुधि बल द्यो अभिराम।। -अडिल्ल छंद- चौबिस जिन वसु वर्ग पंच गुरु जे कहे। रत्नत्रय चव देव चार अवधी लहे।। अष्ट ऋद्धि चव दोय सूर ह्रीं तीन जू। … Read more