Shri Suparshvanath Chalisa – श्री सुपार्श्वनाथ चालीसा

suparshvnath bhagwan

श्री सुपार्श्वनाथ चालीसा लोक शिखर के वासी है प्रभु, तीर्थंकर सुपार्श्व जिनराज ।। नयन द्वार को खोल खडे हैं, आओ विराजो हे जगनाथ ।। सुन्दर नगर वारानसी स्थित, राज्य करे राजा सुप्रतिष्ठित ।। पृथ्वीसेना उनकी रानी, देखे स्वप्न सोलह अभिरामी ।। तीर्थंकर सुत गर्भमें आए, सुरगण आकर मोद मनायें ।। शुक्ला ज्येष्ठ द्वादशी शुभ दिन, … Read more