Shri Abhinandan Nath Chalisa – श्री अभिनन्दन नाथ चालीसा

Abhinandannath

Shri Abhinandan Nath Chalisa ऋषभ – अजित – सम्भव अभिनन्दन, दया करे सब पर दुखभंजन जनम – मरन के टुटे बन्धन, मन मन्दिर तिष्ठें अभिनन्दन ।। अयोध्या नगरी अती सुंदर, करते राज्य भूपति संवर ।। सिद्धार्था उनकी महारानी, सूंदरता में थी लासानी ।। रानी ने देखे शुभ सपने, बरसे रतन महल के अंगने ।। मुख … Read more

Shri Sambhavnath Chalisa – श्री सम्भवनाथ चालीसा

sambhavnath bhagwan

Shri Sambhavnath Chalisa श्री जिनदेव को करके वंदन, जिनवानी को मन में ध्याय । काम असम्भव कर दे सम्भव, समदर्शी सम्भव जिनराय ।। जगतपूज्य श्री सम्भव स्वामी । तीसरे तीर्थकंर है नामी ।। धर्म तीर्थ प्रगटाने वाले । भव दुख दुर भगाने वाले ।। श्रावस्ती नगरी अती सोहे । देवो के भी मन को मोहे … Read more

Shri Ajitnath Chalisa – श्री अजितनाथ चालीसा

ajitnath bhagwan

श्री अजितनाथ चालीसा श्री आदिनाथ को शिश नवा कर, माता सरस्वती को ध्याय । शुरू करूँ श्री अजितनाथ का, चालीसास्व – सुखदाय ।। जय श्री अजितनाथ जिनराज । पावन चिह्न धरे गजराज ।। नगर अयोध्या करते राज । जितराज नामक महाराज ।। विजयसेना उनकी महारानी । देखे सोलह स्वप्न ललामी ।। दिव्य विमान विजय से … Read more

Shri Dharamnath Chalisa – श्री धर्मनाथ चालीसा

Dharmnath

श्री धर्मनाथ चालीसा उत्तम क्षमा अदि दस धर्म,प्रगटे मूर्तिमान श्रीधर्म । जग से हरण करे सन अधर्म, शाश्वत सुख दे प्रभु धर्म ।। नगर रतनपुर के शासक थे, भूपति भानु प्रजा पालक थे। महादेवी सुव्रता अभिन्न, पुत्रा आभाव से रहती खिन्न ।। प्राचेतस मुनि अवधिलीन, मत पिता को धीरज दीन । पुत्र तुम्हारे हो क्षेमंकर, … Read more

श्री शीतलनाथ चालीसा – Shri Sheetalnath Chalisa

Bhagwan Sheetalnath

Shri Sheetalnath Chalisa शीतल हैं शीतल वचन, चन्दन से अघिकाय । कल्पवृक्ष सम प्रभु चरण, है सबको सुखदाय । जय श्री शीतलनाथ गुणाकर, महिमा मण्डित.करुणासागर । भद्धिलपुर के दृढ़रथ राय, भूप प्रजावत्सल कहलाए । रमणी रत्न सुनन्दा रानी, गर्भ में आए जिनवर ज्ञानी । द्वादशी माघ बदी को जन्मे, हर्ष लहर उमडी त्रिभुवन में । … Read more

श्री श्रेयान्सनाथ चालीसा – Shri Shreyansnath Chalisa

Shrayanshnath bhagwan

श्री श्रेयान्सनाथ चालीसा निज मन में करके स्थापित, पंच परम परमेष्ठि को । लिखूँ श्रेयान्सनाथ – चालीसा, मन में बहुत ही हर्षित हो ।। जय श्रेयान्सनाथ श्रुतज्ञायक हो, जय उत्तम आश्रय दायक हो ।। माँ वेणु पिता विष्णु प्यारे, तुम सिहंपुरी में अवतारे ।। जय ज्येष्ठ कृष्ण षष्ठी प्यारी, शुभ रत्नवृष्टि होती भारी ।। जय … Read more

श्री वासुपूज्य चालीसा – Shri Vasupujya Chalisa

श्री वासुपूज्य चालीसा

Shri Vasupujya Chalisa बासु पूज्य महाराज का चालीसा सुखकार । विनय प्रेम से बॉचिये करके ध्यान विचार । जय श्री वासु पूज्य सुखकारी, दीन दयाल बाल ब्रह्मचारी । अदभुत चम्पापुर राजधानी, धर्मी न्यायी ज्ञानी दानी । वसू पूज्य यहाँ के राजा, करते राज काज निष्काजा । आपस मेँ सब प्रेम बढाने, बारह शुद्ध भावना भाते … Read more