दसलक्षण पर्व – उत्तम मार्दव धर्म🙏 Uttam Mardav
मार्दव धर्म आत्मा अर्थात् निजात्मा स्व-स्वरूप का धर्म है। जहाँ मृदु भाव या नम्रता नहीं है वहाँ धर्म भी नहीं है। विनम्र वो नही जो बड़ों को सम्मान दे अपितु वह है जो छोटों का भी मान रखे अपनी प्रशंसा सुनकर सब सुखी होते हैं, धर्मी तो वह है जो दूसरे की प्रशंसा सुनकर सुखी … Read more