आत्मा अनंत गुणों का धनी – Jain Bhajan

Jain Bhajan in hindi

तर्ज – रिश्तो के भी रूप बदलते है…क्योकि सास भी कभी बहू थी।  पल पल जीवन बीता जाता है, बीता फल नहीं वापस आता है । लोभ मोह में तू भरमाया है, सपनों का संसार सजाया है ।। ये सब छलावा है, ये सब भुलावा है । कर ले तू चिंतन अभी ।। क्योंकि आत्मा … Read more