जैन सुगन्ध दशमी व्रत पूजा || Sugandha Dashami Vrat Pooja

Gomtesh bahubali

दोहा वृषभदेव को आदि दे, शीतल जिन पर्यन्त । मंगलकर जिनवर नमूँ, होवे भव का अन्त ||१|| जिन शासन में व्रत कहे, एक शतक वसु जान । उनके उत्तम फल कहे, गति विधि को पहचान ॥२॥ व्रत सुगंध दशमी महा उनमें एक सुजान । जिनकी महिमा अमित है, श्रुतगोचर सुख खान ॥३॥ यह व्रत मुझको … Read more