Nirvan Kshetra Pooja – निर्वाण क्षेत्र पूजा

nirvan kand

(कविवर ज्ञानतराय जी) परमपूज्य चौबीस, जिहँ जिहँ थानक शिव गये| सिद्धभूमि निशदीस, मन-वच-काय पूजा करों| ॐ ह्रीं श्रीचतुर्विंशति तीर्थंकर निर्वाणक्षेत्रा:! अत्र अवतर अवतर संवौषट आह्वाह्न्म | ॐ ह्रीं श्रीचतुर्विंशति तीर्थंकर निर्वाणक्षेत्रा:! अत्र तिष्ठ: ठ: ठ: स्थापनम| ॐ ह्रीं श्रीचतुर्विंशति तीर्थंकर निर्वाणक्षेत्रा:! अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट सन्निधिकरणम| शुचि छीर दधि सम नीर निर्मल, कनकझारी … Read more