श्री मज्जिनसहस्रनाम स्तोत्र – Shri Majjinasahasranama Stotra

Dev Shastra Guru Pooja

जिनस्तोत्रम् (प्रस्तावना) स्वयंभूवे नमस्त्युभ्यमुत्पाद्यात्मान मात्मनि। स्वात्मनैव तथोद्भूत वृत्तयेऽचिन्त्यवृत्तये ॥१॥ अन्वयार्थ : हे भगवन् ! आपने स्वयम् अपने आत्मा को प्रकट किया है, अर्थात् आप अपने आप उत्पन्न हुए हैं, इसलिए आप स्वयंभू कहलाते हैं। आपको आत्मवृत्ति अर्थात् आत्मा में ही लीन अथवा तल्लीन रहने योग्य चारित्र तथा अचिन्त्य महात्म्य की प्राप्ति हुई है, इसलिये आपको … Read more