श्री अजितनाथ जिन पूजा 2022 || New Shri Ajitnath Jin Pooja
ज्ञानोदय छन्द इन्द्रिय मन को जीत अजित जिन, द्वितीय तीर्थंकर प्यारे । विजय अनुत्तर से आ जन्में, क्षेमंकर जग से न्यारे ॥ पूजन हित आह्वानन करते, मेरे उर में आ जाओ। आप समान बने यह आतम, समकित बोध जगा जाओ ॥ ओं ह्रीं तीर्थंकर अजितनाथजिनेन्द्र ! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननम् ! अत्र तिष्ठ तिष्ठ … Read more