श्री पद्मप्रभ जिन पूजा 2022 || New Shri Padmaprabh Jin Pooja
ज्ञानोदय छन्द धरणी नृप गृह जन्म लिया है, मात सुसीमा हरषाती। ऊर्ध्व उच्च ग्रैवेयक से प्रभु, आते अवनी गुण गाती॥ कौशाम्बी नगरी सुख पाती, इन्द्र महोत्सव करते हैं। ऐसे वीतराग पद्मप्रभ, प्रभु को उर में धरते हैं॥ ओं ह्रीं तीर्थंकरपद्मप्रभजिनेन्द्र! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननम् ! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनम् । अत्र मम … Read more