समाधि भावना – SAMADHI BHAVNA

siddha puja bhasha

कविश्री शिवराजदिन-रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊँ|देहान्त के समय में, तुमको न भूल जाऊँ||शत्रु अगर कोई हो, संतुष्ट उनको कर दूँ |समता का भाव धरकर, सबसे क्षमा कराऊँ||दिन-रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊँ|देहान्त के समय में, तुमको न भूल जाऊँ ||1|| त्यागूँ आहार-पानी, औषध-विचार अवसर|टूटें नियम न कोई, दृढ़ता हृदय में लाऊँ||दिन-रात मेरे … Read more