siddha puja bhasha

कविश्री शिवराज
दिन-रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊँ|
देहान्त के समय में, तुमको न भूल जाऊँ||
शत्रु अगर कोई हो, संतुष्ट उनको कर दूँ |
समता का भाव धरकर, सबसे क्षमा कराऊँ||
दिन-रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊँ|
देहान्त के समय में, तुमको न भूल जाऊँ ||1||

त्यागूँ आहार-पानी, औषध-विचार अवसर|
टूटें नियम न कोई, दृढ़ता हृदय में लाऊँ||
दिन-रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊँ|
देहान्त के समय में, तुमको न भूल जाऊँ ||2||

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जागें नहीं कषायें, नहिं वेदना सतावें|
तुमसे ही लौ लगी हो, दुर्यान को भगाऊँ||
दिन-रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊँ|
देहान्त के समय में, तुमको न भूल जाऊँ||3||

आतम-स्वरूप अथवा, आराधना विचारन|
अरहंत सिद्ध साधु, रटना यही लगाऊँ||
दिन-रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊँ|
देहान्त के समय में, तुमको न भूल जाऊँ||4||

धरमात्मा निकट हों, चरचा धरम सुनावें|
वह सावधान रक्खें, गाफिल न होने पाऊँ||
दिन-रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊँ|
देहान्त के समय में, तुमको न भूल जाऊँ||5||

जीने की हो न वाँछा, मरने की हो न इच्छा|
परिवार-मित्रजन से, मैं राग को हटाऊँ||
दिन-रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊँ|
देहान्त के समय में, तुमको न भूल जाऊँ||6||

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भोगे जो भोग पहिले, उनका न होवे सुमिरन|
मैं राज्य-संपदा या, पद-इन्द्र का न चाहूँ||
दिन-रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊँ|
देहान्त के समय में, तुमको न भूल जाऊँ||7||

रत्न-त्रयों का पालन, हो अन्त में समाधी|
शिवराज प्रार्थना है, जीवन सफल बनाऊँ||
दिन-रात मेरे स्वामी, मैं भावना ये भाऊँ|
देहान्त के समय में, तुमको न भूल जाऊँ||8||

Note

Jinvani.in मे दिए गए सभी स्तोत्र, पुजाये, आरती आदि, SAMADHI BHAVNA जिनवाणी संग्रह संस्करण 2022 के द्वारा लिखी गई है, यदि आप किसी प्रकार की त्रुटि या सुझाव देना चाहते है तो हमे Comment कर बता सकते है या फिर Swarn1508@gmail.com पर eMail के जरिए भी बता सकते है।

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