जैन सप्तर्षि पूजा – Saptarishi Pooja
कवि श्री मनरंगलाल (छप्पय छन्द) प्रथम नाम श्रीमन्व दुतिय स्वरमन्व ऋषीश्वर | तीसर मुनि श्रीनिचय सर्वसुन्दर चौथो वर || पंचम श्रीजयवान विनयलालस षष्ठम भनि | सप्तम जयमित्राख्य सर्व चारित्र-धाम गनि || ये सातों चारण-ऋद्धि-धर, करूँ तास पद थापना | मैं पूजूँ मन-वचन-काय कर, जो सुख चाहूँ आपना || ॐ ह्रीं श्री चारणऋद्धिधर-श्रीसप्तऋषीश्वरा:! अत्र अवतर अवतर … Read more