Shri Shantinath Bhagwan ki Aarti – श्री शांतिनाथ भगवान की आरती

Siddhapuja hirachand

शान्ति अपरम्पार है- आनन्द अपार है। शान्तिनाथ भगवान की आरती बारम्बार है।। शान्ति अप० पहली आरती पहले पद की, तीर्थंकर पद धारी की।। तीर्थंकर० वीतराग सर्वज्ञ हितंकर, छियालीस गुण धारी की।। छियालीस० शान्ति अपरम्पार है आनन्द अपार है। दूजी आरती दूजे पद की, चक्रवर्ती पद धारी की।। चक्रवर्ती ० चौदह रत्न नवो निधि छोड़े, चौरासी … Read more