श्री महावीर जिन पूजा 2022 || New Shri Mahaveer Jin Pooja

Samuchchay Puja

भारत छन्द हे जिन वीर महति अतिवीर, महावीर सन्मति देव हमारे हे अन्तिम जिनशासन नायक, तीर्थ तुम्हारा भव से तारे। त्रिशला नन्दन तुम को वन्दन, हे सिद्धारथ राज दुलारे मेरे उर के सिंहासन पर, शीघ्र पधारो भक्त निहारे॥ ओं ह्रीं तीर्थंकरमहावीरजिनेन्द्र ! अत्र अवतर अवतर संवौषट् इति आह्वाननम् ! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनम् … Read more

श्री नेमिनाथ जिन पूजा 2022 || New Neminath Jin Pooja

siddha puja bhasha

योगिनी बोधिनी छन्द लय- एक सौ त्रेसठ…… नेमि तीर्थेश जिन वीतरागी हुए, राजिमति त्याग के मुक्ति रागी हुए बाल ब्रह्मेश जिन मम हृदय आइये, पूजते भक्ति से दुःख हर जाइये॥ ॐ ह्रीं तीर्थंकर नेमिनाथजिनेन्द्र ! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननम् ! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनम् । अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट् सन्निधीकरणम् … Read more

श्री पार्श्वनाथ जिन पूजा 2022 || New Parasnath Jin Pooja

Dev Shastra Guru Pooja

विद्याब्धि छन्द (तर्ज- हम लाये हैं तूफान से…..1) श्री विश्वसेन भूप बाल, लोक भाल हो, वाराणसी में जन्म लिया, अहि कृपाल हो । तेईसवें जिन ! आपने, मन अक्ष जीत के, कैवल्य ज्ञान पा लिया, उपसर्ग जीत के ॥ हे पार्श्वनाथ! आपसे, है ज्ञान उजाला, भव्यों ने मोक्षमार्ग को, तुमसे है सम्हाला। कर्मों को नाशने … Read more

श्री नमिनाथ जिनपूजा 2022 || New Shri Naninath Jin Pooja

Siddhapuja hirachand

पुष्पमंजरी छन्द वीतराग देव आपका सुदर्श पा गया नमीश जैन जिनेश उर धर्म सौख्यदायि मुझको भा गया॥ जिनेश उर पधारिये मृदुल हृदय समाइये मोक्षमार्ग पे चलूँ सुमार्ग को बताइये॥ ओं ह्रीं तीर्थंकरनमिनाथजिनेन्द्र ! अत्र अवतर अवतर संवौषट् आह्वाननम् ! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्थापनम्। अत्र मम सन्निहितो भव भव वषट् सन्निधीकरणम् । मोह जीत … Read more

भूगर्भ प्रकटित अतिशयकारी श्री मुनिसुव्रतनाथ || Bhugarbha Praktit Atishaykari Shri Munisuvratnath Pooja

Gomtesh bahubali

ज्ञानोदय तीर्थ (अजमेर) भारत छन्द -लय-वीर हिमाचल तैं प्राणत स्वर्ग तजो जिनराज, सु राजगृही प्रभु जन्म लियो है। श्री सुखमित्र सुमित्र पिता, पद्मा जननी घर धन्य कियो है॥ हे मुनिसुव्रतनाथ जिनेश्वर !, है हृदयांगन देश हमारो । भूमि सुनिर्गत हे महिमाधर,!, देर करो नहिं शीघ्र पधारो ॥ ओं ह्रीं भूगर्भ प्रकटित ज्ञानोदय तीर्थक्षेत्रस्थ महातिशयकर विघ्नहर … Read more

जैन तीर्थंकर पूजाएँ || Jain Tirthankar Pooja

Samuchchay Puja

चतुर्थकालीन सांगानेर वाले बाबा ऋभदेव पूजन रचियता – लालचन्द जी जैन (राकेश) ऋषभदेव हैं धर्म – प्रवर्तक कर्म प्रवर्तक तीर्थंकर, कर्मनाश कर सिद्ध भये हैं, भक्त धन्य हैं दर्शनकर; साँगानेर वाले बाबा की प्रतिमा अतिशयकारी है, पाप नशाती संकट हरती, दर्शन की बलिहारी है, भक्ति भाव से पूजन करते, दीपक ज्योति जलाते हैं, रोते रोते … Read more

जैन चारित्र-शुद्धि व्रत पूजा || Charitra Shuddhi Vrat Pooja

Samuchchay Puja

दोहा शुद्ध  सुगुण  छ्यालीस युत, समोशरण  के  ईश । निज आतम उद्धार हित, नमत चरण में शीश ॥१॥ आत्म-शुद्धि के अर्थ हम, जिनवर पूज रचाय । रत्नत्रय की प्राप्ति हित, श्री जिनेन्द्र गुण गाय ॥२॥ करूँ त्रिविधि शुधियोग से, आह्वानन विधि सार । आवहु तिष्ठहु हृदय में, नाथ त्रिलोक अधार ||३|| सोरठा व्रत चरित्र महान, … Read more

जैन सुगन्ध दशमी व्रत पूजा || Sugandha Dashami Vrat Pooja

Gomtesh bahubali

दोहा वृषभदेव को आदि दे, शीतल जिन पर्यन्त । मंगलकर जिनवर नमूँ, होवे भव का अन्त ||१|| जिन शासन में व्रत कहे, एक शतक वसु जान । उनके उत्तम फल कहे, गति विधि को पहचान ॥२॥ व्रत सुगंध दशमी महा उनमें एक सुजान । जिनकी महिमा अमित है, श्रुतगोचर सुख खान ॥३॥ यह व्रत मुझको … Read more

जैन श्रुतपञ्चमी पूजा || Shrutpanchami Pooja

Siddhapuja hirachand

सरस्वती की पूजा करने, श्री जिनमन्दिर जायेंगे। भव्य भारती की पूजा में, जीवन सफल बनायेंगे| श्रुत के आराधन से मन में, ज्ञान की ज्योति जलायेंगे। पर्यायों को कर विनष्ट हम, निजस्वरूप को पायेंगे॥ अतः करें आह्वान मात का, दृढ़ता हमको दे देना। सदा रहे बस ध्यान आपका, ये ही सबक हमें देना॥ ॐ ह्रीं श्रीद्रव्यश्रुतषट्खण्डागम … Read more

सम्मेदशिखर पूजा – Sammed Shikhar Pooja

Siddhapuja hirachand

पं. जवाहरदास दोहा ‘श्रीजिन बीस जिनेश के, बीसों शिखर महान । और असंख्य मुनीश जहँ, पहुँचे शिवपद थान ॥ ॐ ह्रीं सम्मेदशिखरसिद्धक्षेत्र ! अत्र अवतर अवतर संवौषट् । ॐ ह्रीं सम्मेदशिखरसिद्धक्षेत्र ! अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः । ॐ ह्रीं सम्मेदशिखरसिद्धक्षेत्र ! अत्र मम सन्निहितं भव भव वषट् । अष्टक (गीतिका छन्द) पदमद्रह को नीर … Read more