एक नाम साँचा, एक नाम प्यारा…Jain Bhajan

bhagwan mahaveer swami

Jain Bhajan एक नाम साँचा एक नाम प्यारा, लेले गुरु का अब तू सहारा-2 तेरे चरणों मैं हम सबका नमन हैं, विद्यासागर हैं नाम तिहारा-2 गुरुदेव मेरे गुरुदेव… भजले रे मन भजले… १.सभी धर्मो के लोग हैं आते,-2 तेरी महिमा के सब गुण गाते -2 भक्ति का तूने हैं मार्ग दिखाया मिल जुल कर हैं … Read more

सुख आते है दुःख आते है…Jain Bhajan

suparshvnath bhagwan

सुख आते है दुःख आते है, इन आते जाते सुख दुख में हम मस्त रहते है हम मस्त रहते है, अज्ञानी रोते रहते है ज्ञानी समता रखते है || टेक || कभी मान मिला जी भर भर के, अपमान हुआ जी भर भर के इस मान अपमान के खेल में हम मस्त रहते है, हम … Read more

जीवन के किसी भी पल में वैराग्य उमड सकता है… Jain Bhajan

suparshvnath bhagwan

तर्ज – ऐ मेरे वतन के लोगो  जीवन के किसी भी पल में वैराग्य उमड सकता है संसार में रहकर प्राणी, संसार को तज सकता है ॥ कहीं दर्पण देख विरक्ति, कहीं मृतक देख वैरागी, बिन कारण दीक्षा लेता, वो पूर्व जन्म का त्यागी, निर्ग्रन्थ साधु ही इतने, सदगुण से सज सकता है ॥१॥ आत्मा … Read more

गुरु ने जहां जहां भी ज्योति जलाई है…Jain Bhajan

Acharya shri Vidhyasagar ji maharaj

गुरु ने जहाँ-जहाँ भी ज्योति जलाई है। काले-काले बादलों पर रोशनी सी छाई है। विद्यासागर गुरुदेव… विद्यासागर गुरुदेव… तन मन में वैराग्य जिनके समाया है। शाश्वत सुख पाने छोड़ी जग माया है। निर्मोही गुरुवर पे दुनिया रिसाई है। गुरु के सिवा हर चीज पराई है। विद्यासागर गुरुदेव… विद्यासागर गुरुदेव… अखियों को खोल जरा ज्ञान के … Read more

मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूं – Jain Bhajan

श्री वासुपूज्य चालीसा

मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूं, मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूं ॥ मैं हूं अपने में स्वयं पूर्ण, पर की मुझमें कुछ गंध नहीं । मैं अरस, अरूपी, अस्पर्शी, पर से कुछ भी सम्बन्ध नहीं ॥ मैं रंग-राग से भिन्न भेद से, भी मैं भिन्न निराला हूं । मैं हूं अखंड चैतन्य-पिण्ड, निज-रस में रमने वाला हूं ॥ … Read more

Yeh Sach hai ki Navkar mai – Jain Bhajan

jain bhajan

(लय – ये तो सच है की भगवान है…) ये तो सच है कि नवकार में, सब मंत्रो का ही सार है -२ इसे जो भी जपे रात दिन, होता उसका ही भव पार है। ये तो सच है कि नवकार में… अरिहंतो को भी इसमें सुमिरन किया, और सिद्धो का भी इसमें ध्यान धरा … Read more

व्हाला आदिनाथ मे तो पकडयो तारो हाथ (Jain Bhajan)

adinath bhagwan rishabhdev

Bhagwan Adinath Jain Bhajan व्हाला आदिनाथ में तो पकड्यो तारो हाथ, मने देजो सदा साथ.. हो.. व्हाला आदिनाथ हो आव्यो तुम पास.. लइ मुक्तिनी एक आश, मने करशो ना निराश.. हो.. व्हाला आदिनाथ हो… (१) तारा दर्शनथी मारा नयनो ठरे छे.. नयनो ठरे छे, रोमे रोमे आ मारा पुलकित बने छे.. पुलकित बने छे, भवोभवनो … Read more

मेरे सर पर रख दो भगवन (जैन भजन)

suparshvnath bhagwan

मेरे सर पर रख दो भगवन, अपने ये दोनों हाथ, देना हो तो दीजिये, जनम-जनम का साथ ॥ मेरे सर पर रख दो भगवन, अपने ये दोनों हाथ, देना हो तो दीजिये, जनम-जनम का साथ ॥ सूना है हमने शरणागत को अपने गले लगाते हो ऐसा हमने क्या माँगा जो, देने से घबराते हो चाहे … Read more