Jain padmavati mata ki aarti

Padmavati Mata Aarti Lyrics in Hindi

Jain Padmavati Mata ki Aarti

(रागः- जय जय आरति आदिजिणंदा..)

देवी पद्मावती आरती तुमारी,

 मंगलकारी जय जय कारी….

देवी पद्मावती आरती तुमारी ||1||

पार्श्व प्रभु छे शिरपर ताहरे, 

भक्ति करंतां तुं भक्तोने तारे….

देवी पद्मावती आरती तुमारी.. ||2||

उज्जवल वर्णी मूत्ति शुं सोहे, 

नीरखी हरखी सहु जन मोहे…..

देवी पद्मावती आरती तुमारी.. ||3||

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कुर्कुट सर्पना वाहने बेठी, 

भद्रासनथी तुं शोभे छे रुडी……

देवी पद्मावती आरती तुमारी.. ||4||

सप्तफणा शोभे मनोहारी, 

नयन मनोहर परिकरधारी…..

देवी पद्मावती आरती तुमारी… ||5||

कमल पाशांकुश फळ रुडुं संगे, 

चार भुजामां कलामय अंगे..

देवी पद्मावती आरती तुमारी… ||6||

विविध स्वरुपे भिन्न भिन्न नामे, 

जगपूजे सहु सिद्धि कामे….

देवी पद्मावती आरती तुमारी… ||7||

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शीघ्रफळा तुं संकट टाळे, 

विघ्न विदारे वांछित आले…..

देवी पद्मावती आरती तुमारी….. ||8||

धरणेन्द्र देवनां देवी छो न्यारा, 

पार्श्वभक्तोना दुःख हरनारा…

देवी पद्मावती आरती तुमारी…. ||9||

थराद नगरे थराद तीर्थे, 

दर्शन करतां दुःख सहु विसरे……

देवी पद्मावती आरती तुमारी… ||10||

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धर्म प्रतापे आशीष देजो, 

सुयश सिद्धिने मंगल करजो…..

देवी पद्मावती आरती तुमारी… ||11||

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