पूजा विधि प्रारम्भ – Jain Pooja Vidhi

Siddhapuja hirachand

पूजा की सामग्री १. प्रासुक जल (कुंए या बोरिंग का जल आवश्यक मात्रा में एक बड़े बर्तन में, दोहरे छन्ने से छान कर, जिवाणि वापिस कुएं में डालें, छने पानी को गर्म करके पुनः ठंडा होने छोड़ दें| (पानी गर्म करने की सुविधा न होने पर लौंग डाल कर भी जल को प्रासुक किया जाता है )|२. द्रव्य-बर्तन: प्रासुक जल से धुली एक … Read more

दसलक्षण पर्व – उत्तम संयम धर्म🙏 uttam Sanyam

uttam sanyam dharma

स्पर्शन, रसना, घ्राण, नेत्र, कर्ण और मन पर नियंत्रण (दमन, कन्ट्रोल) करना इन्द्रिय-संयम है। पृथ्वीकाय, जलकाय, अग्निकाय, वायुकाय, वनस्पतिकाय और त्रसकाय जीवों की रक्षा करना प्राणी संयम है इन दोनों संयमों में इन्द्रिय संयम मुख्य है क्योंकि इन्द्रिय संयम प्राणी संयम का कारण है, इन्द्रिय संयम होने पर भी प्राणी संयम होता हैं, बिना इन्द्रिय … Read more

श्री सम्मेद शिखर टोंको के अर्घ

shri sammed shikhar ji

चोपड़ा कुंड सम्मेदशिखर गिरिराज पे, चोपड़ा कुंड महान। पारस चंदा बाहुबली, पूजूं मैं धरि ध्यान। ॐ श्री सम्मेदशिखर चोपड़ा कुंड मध्ये पार्श्वनाथ, चन्द्रप्रभु, बाहुबली जिनेन्द्राय अनर्घपद प्राप्तये अर्घ्यं निर्वपामीति स्वाहा || २४ तीर्थंकरो के गणधरों की कूट चौबीसों जिनराज के, गण नायक हैं जेह | मन वच तन कर पूजहूँ, शिखर सम्मेद यजेह || ॐ ह्रीं … Read more

श्री गौतम गणधर पूजा | Gautam Gandhar Pooja

siddha puja bhasha

श्री गौतम गणधर जय जय इन्द्रभूति गौतम गणधर स्वामी मुनिवर जय जय । तीर्थंकर श्री महावीर के प्रथम मुख्य गणधर जय जय ॥ द्वादशाङ्ग श्रुत पूर्ण ज्ञानधारी गौतम स्वामी जय जय । वीर प्रभु की दिव्यध्वनि जिनवाणी को सुन हुए अभय ॥ ऋद्धि सिद्धि मङ्गल के दाता मोक्ष प्रदाता गणधर देव । मङ्गलमय शिव पथ … Read more

श्री कलिकुंड पार्श्वनाथ जिन पूजा – Shri Parshwnath Pooja

Shri Shankeshwar Parshvnath Jain Tirth

(अडिल्ल छन्द) ह्रूं कार अक्षरात्मक देव जो ध्यावते | देव मनुष्य पशु कृत सो व्याधि नशावते || कांसी तांबे पत्र पे शुद्ध लिखावते | केशर चंदन तापर गंध रचावते || (दोहा) ऐसे अनुपम-यंत्र को, मन वच काय संभार | जे भवि पूजें प्रीति धर, हों भवदधि से पार ||१|| यंत्र-स्थापना (चाल जोगीरासा) है महिमा को … Read more

श्री पार्श्वनाथ-जिन पूजा (पुष्पेंदु) | Parasnath Jin Pooja

Shri Parshvnath Jain Shwetamber Mandir Nedunuru

कविश्री ‘पुष्पेंदु’ हे पार्श्वनाथ! हे अश्वसेन-सुता! करुणासागर तीर्थंकर हे सिद्धशिला के नेता! हे ज्ञान-संपन्न तीर्थंकर || हम भावुकता से भर गए, तुम्हारे नाथ! बुलाया भगवान! गाथा की गंगा से, तुमाने कितनों को तारा है || हम द्वार तुम्हारे आये हैं, करुणा कर नेक निहारो तो | मेरे उर के सिंहासन पर, पग धरो नाथ! खड़े … Read more

Jain Diwali Poojan – जैन दिवाली पूजा

Jain Diwali Pujan

जैन मत में दीपावली के पावन पर्व पर धन-लक्ष्मी की बजाए ज्ञान-लक्ष्मी या वैराग्य-लक्ष्मी का पूजन अतिमहत्वपूर्ण माना गया है। इसके पीछे प्रमुख एवं मूलभूत कारण यह है कि दीपावली अर्थात कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के पश्चात अमावस्या की प्रातः स्वाति नक्षत्र उदित होने पर भगवान महावीर ने निर्वाण प्राप्त किया। उनके कैवल्य ज्ञान को भगवान … Read more

Saluna Parv Pooja – सलूना पर्व पूजा

Dev Shastra Guru Pooja

पूज्य अकम्पन साधु-शिरोमणि, सात-शतक मुनि ज्ञानी | आ हस्तिनापुर के कानन में, हुए अचल दृढ़- ध्यानी ||१|| दु:खद सहा उपसर्ग भयानक, सुनकर मानव घबराये | आत्म-साधना के साधक वे, तनिक नहीं भी अकुलाये ||२|| योगिराज श्री विष्णु त्याग तप, वत्सलता-वश आये | किया दूर उपसर्ग जगत्-जन, मुग्ध हुए और हर्षाये ||३|| सावन शुक्ला पन्द्रस पावन, … Read more

श्री ऋषि मण्डल पूजा – Shri Rishi Mandal Pooja

Acharya Shri Vidhya Sagar Ji Maharaj

चौबिस जिनपद प्रथम नमि, दुतिय सुगणधर पाय। त्रितिय पंच परमेष्ठि को, चौथे शारद माय।। मन वच तन ये चरन युग, करहुँ सदा परनाम। ऋषि मण्डल पूजा रचों, बुधि बल द्यो अभिराम।। -अडिल्ल छंद- चौबिस जिन वसु वर्ग पंच गुरु जे कहे। रत्नत्रय चव देव चार अवधी लहे।। अष्ट ऋद्धि चव दोय सूर ह्रीं तीन जू। … Read more

श्री निर्वाण क्षेत्र लड्डू पूजा – Nirvan Laddu Pooja

Samuchchay Puja

दोहा बंदौ श्री भगवान् को, भाव भगति सिर नाय । पूजा श्री निर्वाण की, सिद्धक्षेत्र सुखदाय ।।१।। द्वीप अढाई के विषै, सिद्धक्षेत्र को जान। तिनको मैं वंदन करौं, भव भव होइ सहाय।।२।। अथ स्थापना (अडिल्ल छन्द) परम महा उत्कृष्ट मोक्ष मंगल सही, आदि अनादि संसार भानि मुक्ति लही। तिनिके चरन अरु क्षेत्र जजों शिवदायही। आव्हानन … Read more