कितना प्यारा तेरा द्वारा – Jain Bhajan
कितना प्यारा तेरा दुआरा, यही बिता दूं जीवन सारा तेरी दरश की लगन से, हमें आना पड़ेगा इस दर पर […]
कितना प्यारा तेरा दुआरा, यही बिता दूं जीवन सारा तेरी दरश की लगन से, हमें आना पड़ेगा इस दर पर […]
तर्ज – सावन का महीना… दुनिया से मैं हारी तो आई तेरे द्वार यहां से जो मैं हारी कहां जाऊंगी
मेरे महावीर झूले पलना, सन्मति वीर झूले पलना काहे को प्रभु को बनो रे पालना, काहे के लागे फुंदना रत्नों
भक्ति बेकरार है आनंद अपार है, आजा प्रभु पारस तेरा, जय जय जय जय कार है !मंगल आरती लेकर स्वामी,
तर्ज – चाँद सी महबूबा हो मेरी… भगवान आत्मा आनंद भंडार चेतन उस पर दृष्टि कर, शांत स्वरूप को लक्ष
Jain Bhajan मैं क्या.. मेरा अस्तित्व क्या.. गुरुवर तेरा ही… नाम लिया… तेरा आशीर्वाद हमें… मिलता सुबह और शाम रहा… मैं क्या…
Jain Bhajan भगवान मेरी नैया, उस पार लगा देना अब तक तो निभाया है, आगे भी निभा देना हम दिन
चैतन्य के दर्पण में, आनंद के आलय में। बस ज्ञान ही बस ज्ञान है, कोई कैसे बतलाए|| निज ज्ञान में
हे ! सीमंधर भगवान शरण ली तेरी, बस ज्ञाता दृष्टा रहे परिणति मेरी ||टेक|| निज को बिन जाने नाथ फिरा