पारसनाथ स्तुति जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के प्रति श्रद्धा और भक्ति प्रकट करने वाला एक पवित्र स्तोत्र है। भगवान पार्श्वनाथ ने चार मुख्य व्रतों—अहिंसा, सत्य, अस्तेय, और अपरिग्रह—का प्रचार किया, जो जैन धर्म के प्रमुख सिद्धांत हैं। उनकी स्तुति में उनकी करुणा, तपस्या, और उपदेशों का वर्णन किया गया है।
पारसनाथ स्तुति का पाठ करने से मन शुद्ध होता है और जीवन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह स्तुति हमें सत्य और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। पार्श्वनाथ की शिक्षाएँ हमें अहिंसा और करुणा का पालन करते हुए आत्मा की शुद्धि और मोक्ष प्राप्ति की ओर अग्रसर करती हैं।
यह स्तुति जैन भक्तों के लिए आंतरिक शांति, आत्मिक उन्नति और भगवान के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने का महत्वपूर्ण माध्यम है।
श्री पार्श्वनाथ स्तुति
तुम से लागी लगन, ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा |
मेटो-मेटो जी संकट हमारा ||
Tuma se lagī lagana, le lō apanī śaraṇa, parasa pyara
Meṭo-meṭo jī saṅkaṭa hamara
निश-दिन तुमको जपूँ, पर से नेहा तजूँ |
जीवन सारा, तेरे चरणों में बीते हमारा ||
मेटो-मेटो जी संकट हमारा ||
Niśa-dina tumakō japūm̐, para se neha tajūm̐
Jīvana sara, tere caraṇoṁ meṁ bīte hamara
Meṭo-meṭo jī saṅkaṭa hamara
अश्वसेन के राज-दुलारे, वामादेवी के सुत प्राण-प्यारे |
सब से नेहा तोड़ा जग से मुँह को मोड़ा, संयम धारा ||
मेटो-मेटो जी संकट हमारा ||
Aśvasena ke raja-dulare, vamadevī ke suta praṇa-pyare
Saba se neha toṛa jaga se mum̐ha ko moṛa, sanyama dhara
Meṭo-meṭo ji saṅkaṭa hamara
इन्द्र और धरणेन्द्र भी आये, देवी पद्मावती मंगल गाये |
आशा पूरो सदा, दु:ख नहीं पावे कदा, सेवक थारा ||
मेटो-मेटो जी संकट हमारा ||
Indra aura dharaṇendra bhi aye, devi padmavati maṅgala gaye
aśa puro sada, du:Kha nahiṁ pave kada, sevaka thara
Meṭo-meṭo jī saṅkaṭa hamara
जग के दु:ख की तो परवा नहीं है,स्वर्ग-सुख की भी चाह नहीं है |
मेटो जामन-मरण, होवे ऐसा यतन, पारस प्यारा ||
मेटो-मेटो जी संकट हमारा ||
Jaga ke du:Kha ki to parava nahiṁ hai, svarga-sukha ki bhi caha nahiṁ hai
Meṭo jamana-maraṇa, hove aisa yatana, parasa pyara
Meṭo-meṭo ji saṅkaṭa hamara
लाखों बार तुम्हें शीश नवाऊँ, जग के नाथ तुम्हें कैसे पाऊँ |
‘पंकज’ व्याकुल भया, दर्शन-बिन यह जिया, लागे खारा |
मेटो-मेटो जी संकट हमारा ||
Lakhoṁ bara tumheṁ śiśa nava’um̐, jaga ke natha tumheṁ kaise pa’um̐
‘Paṅkaja’ vyakula bhaya, darsana-bina yaha jiya, lage khara
Meṭo-meṭo ji saṅkaṭa hamara
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