suparshvnath bhagwan

श्री पार्श्वनाथ स्तुति

तुम से लागी लगन, ले लो अपनी शरण, पारस प्यारा |
मेटो-मेटो जी संकट हमारा ||
Tuma se lagī lagana, le lō apanī śaraṇa, parasa pyara
Meṭo-meṭo jī saṅkaṭa hamara

निश-दिन तुमको जपूँ, पर से नेहा तजूँ |
जीवन सारा, तेरे चरणों में बीते हमारा ||
मेटो-मेटो जी संकट हमारा ||
Niśa-dina tumakō japūm̐, para se neha tajūm̐
Jīvana sara, tere caraṇoṁ meṁ bīte hamara
Meṭo-meṭo jī saṅkaṭa hamara

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अश्वसेन के राज-दुलारे, वामादेवी के सुत प्राण-प्यारे |
सब से नेहा तोड़ा जग से मुँह को मोड़ा, संयम धारा ||
मेटो-मेटो जी संकट हमारा ||
Aśvasena ke raja-dulare, vamadevī ke suta praṇa-pyare
Saba se neha toṛa jaga se mum̐ha ko moṛa, sanyama dhara
Meṭo-meṭo ji saṅkaṭa hamara

इन्द्र और धरणेन्द्र भी आये, देवी पद्मावती मंगल गाये |
आशा पूरो सदा, दु:ख नहीं पावे कदा, सेवक थारा ||
मेटो-मेटो जी संकट हमारा ||
Indra aura dharaṇendra bhi aye, devi padmavati maṅgala gaye
aśa puro sada, du:Kha nahiṁ pave kada, sevaka thara
Meṭo-meṭo jī saṅkaṭa hamara

जग के दु:ख की तो परवा नहीं है,स्वर्ग-सुख की भी चाह नहीं है |
मेटो जामन-मरण, होवे ऐसा यतन, पारस प्यारा ||
मेटो-मेटो जी संकट हमारा ||
Jaga ke du:Kha ki to parava nahiṁ hai, svarga-sukha ki bhi caha nahiṁ hai
Meṭo jamana-maraṇa, hove aisa yatana, parasa pyara
Meṭo-meṭo ji saṅkaṭa hamara

लाखों बार तुम्हें शीश नवाऊँ, जग के नाथ तुम्हें कैसे पाऊँ |
‘पंकज’ व्याकुल भया, दर्शन-बिन यह जिया, लागे खारा |
मेटो-मेटो जी संकट हमारा ||
Lakhoṁ bara tumheṁ śiśa nava’um̐, jaga ke natha tumheṁ kaise pa’um̐
‘Paṅkaja’ vyakula bhaya, darsana-bina yaha jiya, lage khara
Meṭo-meṭo ji saṅkaṭa hamara

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Note

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