Advertise With Us

धन्य धन्य वीतराग वाणी… Bhajan

धन्य धन्य वीतराग वाणी, अमर तेरी जग में कहानी

चिदानन्द की राजधानी, अमर तेरी जग में कहानी ।।टेक।।

उत्पाद व्यय अरु ध्रोव्य स्वरूप, वस्तु बखानी सर्वज्ञ भूप ।

स्याद्वाद तेरी निशानी, अमर तेरी जग में कहानी ।१।

नित्य अनित्य अरू एक अनेक, वस्तुकथंचित भेद अभेद ।

अनेकान्त रूपा बखानी, अमर तेरी जग में कहानी ।२।

भाव शुभाशुभ बंध स्वरूप, शुद्ध चिदानन्दमय मुक्ति रूप ।

मारग दिखाती है वाणी, अमर तेरी जग में कहानी ।३।

चिदानन्द चैतन्य आनन्दधाम, ज्ञान स्वभावी निजातम राम ।

स्वाश्रय से मुक्ति बखानी, अमर तेरी जग में कहानी ।४।

धन्य धन्य वीतराग वाणी, अमर तेरी जग में कहानी

चिदानन्द की राजधानी, अमर तेरी जग में कहानी ।।टेक।।

golden divider 2

Note

Jinvani.in मे दिए गए सभी Jain Bhajan – धन्य धन्य वीतराग वाणी स्तोत्र, पुजाये और आरती जिनवाणी संग्रह के द्वारा लिखी गई है, यदि आप किसी प्रकार की त्रुटि या सुझाव देना चाहते है तो हमे Comment कर बता सकते है या फिर Swarn1508@gmail.com पर eMail के जरिए भी बता सकते है। 

sahi mutual fund kaise chune

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top