मोह जाल में फंसे हुए हैं, कर्मो ने आ घेरा…Jain Bhajan

Abhinandannath

मोह जाल में फँसे हुये हैं कर्मों ने आ घेरा, कैसे तिरेंगे भव-सागर से, तुम बिन कौन है मेरा। भूल हुई क्या हमसे भगवन क्या है दोष हमारा, लिखा विधाता ने किन घड़ियों ऐसा लेख हमारा।। लेख लिखा था शुभ घड़ियों में, शुभ घड़ियां हैं आई। आत्मज्ञान की ज्योति जगा दो भव से पार उतरता … Read more

निर्ग्रंथों का मार्ग हमको प्राणों से भी प्यारा है – Jain Bhajan

Acharya shri Vidhyasagar ji maharaj

Jain Bhajan निर्ग्रंथों का मार्ग हमको प्राणों से भी प्यारा है… दिगम्बर वेश न्यारा है… निर्ग्रंथों का मार्ग….॥ शुद्धात्मा में ही, जब लीन होने को, किसी का मन मचलता है, तीन कषायों का, तब राग परिणति से, सहज ही टलता है, वस्त्र का धागा….वस्त्र का धागा नहीं फ़िर उसने तन पर धारा है, दिगम्बर वेश न्यारा … Read more

एक नाम साँचा, एक नाम प्यारा…Jain Bhajan

bhagwan mahaveer swami

Jain Bhajan एक नाम साँचा एक नाम प्यारा, लेले गुरु का अब तू सहारा-2 तेरे चरणों मैं हम सबका नमन हैं, विद्यासागर हैं नाम तिहारा-2 गुरुदेव मेरे गुरुदेव… भजले रे मन भजले… १.सभी धर्मो के लोग हैं आते,-2 तेरी महिमा के सब गुण गाते -2 भक्ति का तूने हैं मार्ग दिखाया मिल जुल कर हैं … Read more

सुख आते है दुःख आते है…Jain Bhajan

suparshvnath bhagwan

सुख आते है दुःख आते है, इन आते जाते सुख दुख में हम मस्त रहते है हम मस्त रहते है, अज्ञानी रोते रहते है ज्ञानी समता रखते है || टेक || कभी मान मिला जी भर भर के, अपमान हुआ जी भर भर के इस मान अपमान के खेल में हम मस्त रहते है, हम … Read more

स्वर्ग से सुंदर अनुपम है ये जिनवर का दरबार…Jain Bhajan

bhagwan neminath

(तर्ज – स्वर्ग से सुन्दर सपनो से प्यारा, है अपना घर द्वार…) स्वर्ग से सुंदर अनुपम है ये जिनवर का दरबार। श्रद्धा से जो ध्याता निश्चित हो जाता भव पार, यही श्रद्धान हमारा, नमन हो तुम्हें हमारा ।।टेक।। कभी न टूटे श्रद्धा, तुम पर भगवान हमारी। झुक जाएंगी जीवन, में प्रतिकूलता सारी।। है विश्वास हमारा, … Read more

मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे…Jain Bhajan

Acharya Shri Vidhya Sagar Ji Maharaj

जैन भजन मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे, गुरुवर आयेंगे । गुरुवर आयेंगे, आयेंगे, गुरुवर आयेंगे…2 गुरु स्वागत में दीप जलाऊंगी  पूरा नगर में आज सजवाऊंगी  मानो चंदना को वीर आज मिल जायेंगे, गुरुवर आयेंगे। मेरी झोपड़ी… गुरुवर आयेंगे तो चौका में लगाऊंगी  शुद्ध भावों आहार में कराऊंगी मेरे जन्मों के सारे पाप धुल … Read more

जीवन के किसी भी पल में वैराग्य उमड सकता है… Jain Bhajan

suparshvnath bhagwan

तर्ज – ऐ मेरे वतन के लोगो  जीवन के किसी भी पल में वैराग्य उमड सकता है संसार में रहकर प्राणी, संसार को तज सकता है ॥ कहीं दर्पण देख विरक्ति, कहीं मृतक देख वैरागी, बिन कारण दीक्षा लेता, वो पूर्व जन्म का त्यागी, निर्ग्रन्थ साधु ही इतने, सदगुण से सज सकता है ॥१॥ आत्मा … Read more

गुरु ने जहां जहां भी ज्योति जलाई है…Jain Bhajan

Acharya shri Vidhyasagar ji maharaj

गुरु ने जहाँ-जहाँ भी ज्योति जलाई है। काले-काले बादलों पर रोशनी सी छाई है। विद्यासागर गुरुदेव… विद्यासागर गुरुदेव… तन मन में वैराग्य जिनके समाया है। शाश्वत सुख पाने छोड़ी जग माया है। निर्मोही गुरुवर पे दुनिया रिसाई है। गुरु के सिवा हर चीज पराई है। विद्यासागर गुरुदेव… विद्यासागर गुरुदेव… अखियों को खोल जरा ज्ञान के … Read more

मोक्ष के प्रेमी हमने, कर्मों से लड़ते देखें…Jain Bhajan

Dev Shastra Guru Pooja

Jain Bhajan मोक्ष के प्रेमी हमने, कर्मों से लड़ते देखें । मखमल पर सोनेवाले, भूमि पर चलते देखें ॥ सरसोंका भी एक दाना, जिनके तन पर चुबता था । काया की सुध छोड़ी, गीदड़ तन खाते देखें ॥(1)मोक्ष… ऐसे श्री पारस स्वामी, तदभव थे मोक्षगामी । कर्मों ने नाहीं बख्शा, पत्थर तक गिरते देखें ॥(2)मोक्ष… … Read more

जहाँ नेमी के चरण पड़े, गिरनार वो धरती है…Jain Bhajan

Shri Neminath Chalisa

तर्ज – ऐ मेरे दिले नादान, तू गम से न घबराना जहाँ नेमी के चरण पड़े, गिरनार वो धरती है वो प्रेम मूर्ती राजूल, उस पथ पर चलती है उस कोमल काया पर, हल्दी का रंग चढ़ा मेहंदी भी रुचीर रची, गले मंगल सुत्र पड़ा पर मांग ना भर पायी, ये बात ही खलती है … Read more