Acharya Shri Vidhya Sagar Ji Maharaj

मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे… Jain Bhajan

“मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे…” यह केवल एक भजन नहीं, बल्कि एक गहरी भावना का सहज और मधुर प्रकटीकरण है। यह जैन भजन भक्त की उस असीम आंतरिक खुशी को दर्शाता है जब उनके साधारण जीवन में प्रभु जिनेंद्र के चरण पड़ते हैं। यह भजन आत्मा के उस गहन अहसास को वाणी देता है जहाँ वह प्रभु के स्वागत में पूरी तरह से पुलकित, विनम्र और आनंदित हो उठती है।

“भाग खुलना” इस संदर्भ में केवल सांसारिक सौभाग्य नहीं, बल्कि एक गहरे आध्यात्मिक जागरण का संकेत है। यह वह क्षण है जब जीव को प्रभु के दर्शन, उनके सान्निध्य और उनकी कृपा प्राप्त होती है। इस अनुभव के साथ ही उसे यह स्पष्ट हो जाता है कि उसका जीवन अब व्यर्थ नहीं है, बल्कि उसे एक सार्थक दिशा मिल गई है। यह वही पवित्र क्षण होता है जब भक्ति और पूर्ण समर्पण से आत्मा भीतर से प्रफुल्लित हो उठती है।

Bhajan Lyrics

मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे, गुरुवर आयेंगे ।
गुरुवर आयेंगे, आयेंगे, गुरुवर आयेंगे…2

गुरु स्वागत में दीप जलाऊंगी 
पूरा नगर में आज सजवाऊंगी 
मानो चंदना को वीर आज मिल जायेंगे, गुरुवर आयेंगे।
मेरी झोपड़ी…

गुरुवर आयेंगे तो चौका में लगाऊंगी 
शुद्ध भावों आहार में कराऊंगी
मेरे जन्मों के सारे पाप धुल जायेंगे, गुरुवर आयेंगे।
मेरी झोपड़ी…

वैयावृति कर पुण्य में कमाऊंगी 
मीठे मीठे गुरु भजन सुनाऊंगी 
तेरे दर्शन से भक्त सारे तर जायेंगे, गुरुवर आयेंगे।
मेरी झोपड़ी…

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Note

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