स्पर्शन, रसना, घ्राण, नेत्र, कर्ण और मन पर नियंत्रण (दमन, कन्ट्रोल) करना इन्द्रिय-संयम है। पृथ्वीकाय, जलकाय, अग्निकाय, वायुकाय, वनस्पतिकाय और त्रसकाय जीवों की रक्षा करना प्राणी संयम है इन दोनों संयमों में इन्द्रिय संयम मुख्य है क्योंकि इन्द्रिय संयम प्राणी संयम का कारण है, इन्द्रिय संयम होने पर भी प्राणी संयम होता हैं, बिना इन्द्रिय संयम के प्राणी संयम नहीं हो सकता। महान आत्माएँ सदैव संयम धारण कृति है
इंद्रियों पर संयम नियंत्रण रखना ही उत्तम संयम धर्म है🌸🙏