जिस व्यक्ति ने अपने मन को निर्लोभी बना लिया है, संतोष धारण कर लिया है, उसका जीवन परम शांति को उपलब्ध हो जाता है
जो व्यक्ति उत्तम शौच धर्म को धारण करता है उसकी आत्मा लोभ ओर लालच जैसे मल का त्याग कर परम् उज्ज्वलता को प्राप्त होती है।
जैसे मन यदि काला है तो महँगे से महँगे इत्र भी केवल आपके शरीर को महका सकते है जो नश्वर है लेकिन आत्मा को सुंदर बनाने के लिए आत्मा के स्वभाव अनुरूप धर्मों का पालन करना चाहिए, उत्तम शोच आत्मस्वरूप का स्वभाव है🙏🌸