आध्यात्मिक दृष्टि से आत्मशुद्धि के उद्देश्य से विकार भाव छोड़ना
राग द्वेष क्रोध मान आदि विकार भावों का आत्मा से छूट जाना ही त्याग है।
दसलक्षण पर्व – उत्तम त्याग धर्म🙏 Uttam Tyag
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आचार्य श्री समय सागर जी महाराज का जन्म कर्नाटक के बेलगांव में 27 अक्टूबर 1958...
Shri Vardhman Stotra – श्री वर्धमान स्तोत्र
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श्री वर्धमान स्तोत्र (संस्कृत)
(1) अदृश्य को दिखाने वाली स्तुति
श्री वर्धमान जिनदेव पदारविन्द –
युग्म-स्थितांगुलिनखांशु-समूहभासि।
प्रद्योततेऽखिल-सुरेन्द्रकिरीट-कोटि
र्भक्त्या ‘प्रणम्य’ जिनदेव-पदं स्तवीमि ||1||
–o–
(2) चित्त एकाग्र करने वाली स्तुति
नाहंकृतेऽहमिति नात्र चमत्कृतेऽपि,
बुद्धे:...
Michhami Dukkadam Quotes
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दान को सर्वश्रेष्ठ बनाना हे तो क्षमादान करना चाहिए। उत्तम क्षमा
————————-क्षमा में जो महत्ता है, जो औदार्य है, वह क्रोध और प्रतिकार में कहां।...
आरती श्री आचार्य विद्यासागर जी- Aarti Shree Vidyasagar Maharaj Ji
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Aarti Shree Vidyasagar Maharaj Ji Ki
विद्यासागर की, गुणआगर की, शुभ मंगल दीप सजाय के।
आज उतारूँ आरतिया…..॥1॥
मल्लप्पा श्री, श्रीमती के गर्भ विषैं गुरु आये।
ग्राम सदलगा...
दसलक्षण पर्व – उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म🙏 Uttam Brahmcharya
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Day 10: दसलक्षण पर्व – Uttam Brahmcharya Dharma 🙏🏼🌸
कामसेवन का मन से, वचन से तथा शरीर से परित्याग करके अपने आत्मा में रमना ब्रह्मचर्य...