स्तुतियाँ

स्तुति अक्सर धार्मिक अथवा आध्यात्मिक सन्दर्भ में भगवान, देवी-देवताओं, गुरु, या पवित्र वस्तु के साथ की जाती है और धार्मिक पूजा और आदर के भाव से की जाती है।

Samuchchay Puja
स्तुतियाँ

दर्शन – स्तुति (सकल-ज्ञेय) || Darshan Stuti

कविवर दौलतराम दोहा सकल-ज्ञेय-ज्ञायक   तदपि   निजानन्द-रस-लीन। सो जिनेन्द्र जयवन्त नित, अरि-रज-रहस-विहीन॥ पद्धरि जय वीतराग-विज्ञान पूर, जय मोह तिमिर को हरन […]

Suprabhat Stotram सुप्रभात स्तोत्रम्
स्तुतियाँ

जैन स्तोत्र – सुप्रभात स्तोत्रम् || Suprabhat Stotram

शार्दूलविक्रीडितम् यत्स्वर्गावतरोत्सवे यदभवज्जन्माभिषेकोत्सवे,यद्दीक्षाग्रहणोत्सवे यदखिलज्ञानप्रकाशोत्सवे ।यन्निर्वाणगमोत्सवे जिनपतेः, पूजाद्भुतं तद्भवैः,सङ्गीतस्तुतिमङ्गलैः प्रसरतां, मे सुप्रभातोत्सवः ॥१॥ वसन्ततिलकाछन्दः श्रीमन्- नतामर – किरीट-मणिप्रभाभि- रालीढपाद-युग ! दुर्द्धर-कर्मदूर

Samuchchay Puja
स्तुतियाँ, स्तोत्र पाठ

श्री मंगलाष्टक स्तोत्रं(अर्थ के साथ) || Shri Mangalashtak Stotram

श्री पंचपरमेष्ठी वंदन अरिहन्तो-भगवन्त इन्द्रमहिता: सिद्धाश्च सिद्धीश्वरा:,आचार्या: जिनशासनोन्नतिकरा: पूज्या उपाध्यायका:|श्रीसिद्धान्त-सुपाठका: मुनिवरा: रत्नत्रयाराधका:,पंचैते परमेष्ठिन: प्रतिदिनं कुर्वन्तु ते मंगलम्|| श्रीमन्नम्र – सुरासुरेन्द्र

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