कितना प्यारा तेरा द्वारा – Jain Bhajan

कितना प्यारा तेरा दुआरा,

यही बिता दूं जीवन सारा

तेरी दरश की लगन से,

हमें आना पड़ेगा इस दर पर दोबारा।

भव-भव के दुख हरने वाले,

सबको सुख में करने वाले,

गुण में तेरी धारा हमें…..

दिनभर तेरी याद सताती,

छवी तेरी दिल में आ जाती,

तेरी अनुपम धारा, हमें…..

रात-रात भर नींद न आती,

सपनों में पूजा हो जाती,

कैसा अद्भुत नजारा, हमें….

कमलो को विकसाने वाले,

धर्म प्रकाश दिखाने वाले,

तू ही जग उजियारा, हमें…..

प्रभु तुम से अब कुछ नहीं चाहुँ।

जनम-जनम तेरे दर्शन पाऊँ,

मन में यही विचारा, हमें…..

भव्य जनों के हृदय खिलाते,

जो भी तेरे दर पर आते,

तू ही अजब सितारा, हमें…..

विष को निर्विष करने वाले,

राग-द्वेष को तजने वाले,

अन्जन पापी तारा, हमें…..

नैया मोरी पार लगाओ,

हमको अपने पास बुलाओ,

तू ही हमको प्यारा, हमें…..

वीतरागता हमें दिखा दो,

मुझसे मेरा मिलन करा दो,

तूने सब को तारा, हमें…..

तुम ही हो बस एक सहारे,

जग में रहते जग से न्यारे,

देना जगत किनारा, हमें…..

वीतरागता है झर-झर झरती,

तुझे देख खुश होते नगरी,

तू ही अजब सितारा, हमें…..

महावीर जिन संकट हारी,

नैया सबकी पार उतारी,

भव का दुःख निवारा, हमें…..

नर सुर इन्द्र करे सब पूजा,

और नहीं है कुछ भय दूजा,

तुझमें ज्ञान आपारा, हमें…..

अपनी जैसी दृष्टि बनाओ,

जिन गुण संपत्ति हमें दिखाओ,

देकर हाथ सहारा, हमें…..

पापी भी यदि ध्यान लगावे,

भव-भव के बंधन कट जावे,

अंजन को भी तारा, हमें…..

प्रभु चरणों में ध्यान लगाऊँ,

निज आतम हित में लग जाऊँ,

नरतन मिले दुबारा, हमें…..

Note

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